*Post also available in: English Español العربية 简体中文 Română 日本語
स्टेम (मूल) कोशिकाएँ सभी बहुकोशिकीय जीवों में पाई जातीं हैं, जो की गुणित (स्व-नवीकरण) और विभेद प्रजनन कर सकते हैं। मनुष्यों में मूल कोशिकाओं में यह क्षमता होती है कि वे एक वयस्क व्यक्ति में, प्रत्येक कोशिका बना सकते हैं, जैसे की उदाहरण की तौर पर, त्वचा कोशिकाएँ, मस्तिष्क कोशिकाएँ एवं रक्त कोशिकाएँ।
एक विकसित होते हुए भ्रूण में, स्टेम (मूल) कोशिकाएँ, सभी विशेष भ्रूणयुक्त ऊतकों में विभेद कर सकती हैं। वयस्क मनुष्यों में, स्टेम (मूल) कोशिकाएँ और प्रजनक कोशिकाएँ, शरीर के लिए एक मरम्मत प्रणाली के रूप में कार्य करती हैं, जो की विशेष कोशिकाओं की पुनःपूर्ति करती हैं।
स्टेम कोशिकाओं पर पिछले करीब 50 वर्षों से अनुसंधान चल रहा है, क्योंकि स्टेम कोशिकाओं में, स्वयं को बार-बार विभाजित करने और निरंतर अपने प्रतिरूप उत्पन्न करने की अद्भुत क्षमता होती है। इसके साथ ही, इनकी अनैच्छिक प्रवृति इन्हें विविध प्रकार की विस्तृत ऊतक प्रकार बनने की अनुमति देती है, जो की इन्हें पुनर्योजी दवाओं में उपयोग के लिए असाधारण क्षमता प्रदान करती है।
कितने प्रकार की स्टेम कोशिकाएँ अस्तित्व रखती हैं?
स्टेम कोशिकाओं की कई व्यापक श्रेणियाँ मौजूद हैं, जिनमें:
- भ्रूण स्टेम कोशिकाएँ (इएससी) – यही एक विवादास्पद स्टेम कोशिकाओं का प्रकार है। इएससी ब्लास्टोसिस्ट (बीजपुटी) से प्राप्त होता है, जो की एक विकासशील भ्रूण की विकास प्रक्रिया का एक चरण। यह मानव शरीर में किसी प्रकार की कोशिकाएँ नहीं बन सकते हैं।
- प्रसव-पूर्ण स्टेम कोशिकाएँ – यह कोशिकाएँ जन्म के तुरंत पूर्व और तुरंत बाद प्राप्त होती हैं। इन कोशिकाओं के प्रकारों के संग्रहण से भ्रूण या नवजात शिशु के विकास पर प्रभाव नहीं पड़ता है, इसीलिए यह गैर-विवादस्पद हैं।
- व्यस्क स्टेम कोशिकाएँ – यह गैर-विवास्पद कोशिकाएँ हैं, जो की जीवित वयस्कों में पाई जाती हैं। सभी की अस्थि-मज्जा में, वसा में (वसा ऊतकों में) और भी अन्यत्र कई जगह स्टेम कोशिकाएँ होती हैं।
- प्रेरित मिश्रितप्रबल स्टेम कोशिकाएँ (आईपीएस कोशिकाएँ) – आईपीएस कोशिकाओं की खोज २००६ में की गई थी। यह गैर-विवादस्पद हैं, क्योंकि यह व्यस्क कोशिकाएँ हैं जिन्हें अनुवांशिक रूप से प्रयोगशाला में पुनःक्रियानिव्त किया गया है। भ्रूण कोशिकाओं की तरह ही, यह शरीर में कोई भी कोशिका बन सकते हैं।
- कैंसर स्टेम कोशिकाएँ (सीएससी) कैंसर स्टेम कोशिकाएँ वह स्टेम कोशिकाओं का प्रकार हैं जिनपर बायोटेक और फार्म कंपनियां खोज कर रहीं हैं क्योंकि, यह ट्यूमरों के निर्माण के कारकों में सहायक होते हैं। सीएससी पर खोज करने वाली कंपनियां कैंसर के प्रबंधन और रोकथाम के बारे में जानकारी प्राप्त करने में रूचि रखतीं हैं।
मूल रूप से स्टेम कोशिकाओं को दो प्रकार से वर्गीकृत किया गया था, व्यस्क स्टेम कोशिकाएँ या भ्रूणीय स्टेम कोशिकाएँ (इएससी)। हालांकि, बाद में स्टेम कोशिकाओं की कई विविध श्रेणियों की पहचान करी गई। जब २००६ में आईपीएस कोशिकाओं की खोज की गई, तब अनुसंधान समुदाय ने एक नई स्टेम कोशिका के प्रकार अर्जित किया, जो की बिना किसी विवाद के इएससी की ही अधिकतम विशेषताएं रखता है।
स्टेम कोशिकाओं को एकत्र करते समय किया गया वर्गीकरण
स्टेम कोशिकाओं को एकत्र करते समय किए जाने वाले वर्गीकरण का एक सरल तरीका नीचे वर्णित है:
- भ्रूणिक स्टेम कोशिकाएँ– स्टेम कोशिकाएँ जो की भ्रूण से प्राप्त होती हैं (विवादस्पद) ।
- प्रसव-पूर्ण स्टेम कोशिकाएँ– स्टेम कोशिकाएँ जो की गर्भ भ्रूण से या फी उसकी समर्थित संरचनाओं से प्राप्त होती हैं (गैर-विवादस्पद) ।
- प्रसवोत्तर स्टेम कोशिकाएँ– स्टेम कोशिकाएँ जो की किसी नवजात शिशु से प्राप्त होती हैं (गैर-विवादस्पद)।
- व्यस्क स्टेम कोशिकाएँ – स्टेम कोशिकाएँ जिन्हें जीवित मनुष्यों से प्राप्त किया गया है (गैर-विवादस्पद) । इनके सामान्य प्रकारों में मेसेंकाईमल कोशिकाएँ (एमएससी), रुधिर्जनन सम्बन्धी स्टेम कोशिकाएँ (एचएससी), और तंत्रिका स्टेम कोशिकाएँ (एनएससी) और भी अन्य शामिल हैं।
सम्पूर्णप्रबल बनाम मिश्रितप्रबल
प्रत्येक स्टेम कोशिका के प्रकार की कार्यात्मक क्षमता को समझने के लिए, वैज्ञानिक उस डिग्री (पहुँच) का वर्णन करते हैं, जिससे वः अन्य कोशिका प्रकारों में अंतर कर सकें। स्टेम कोशिकाओं की कार्यात्मक क्षमता को समझने के लिए निम्नलिखित परिभाषाओं का प्रयोग करें:
- सम्पूर्णप्रबल स्टेम कोशिकाएँ– वह कोशिकाएँ जिनमें सम्पूर्ण जीव को बनाने की क्षमता होती है।
- मिश्रितप्रबल स्टेम कोशिकाएँ– वह कोशिकाएँ जो की जीव में अधिकतम ऊतकों को उत्पन्न करतीं हैं, परन्तु सम्पूर्ण ऊतक नहीं उत्पन्न करतीं।
- बहुप्रबल स्टेम कोशिकाएँ– यह बिन-पृथक कोशिकाएँ होतीं हैं जो की कोशिकाओं की विशिष्ट आबादी को उत्पन्न करने तक ही सीमित हैं।
मानव भ्रूणिक स्टेम कोशिकाएँ (एचइएससी) सम्पूर्णप्रबल कोशिकाएँ होतीं हैं जिन्हें उन भ्रूणों से प्राप्त किया जाता है जिन्हें प्रजनन चिकित्सालय में सूचित डोनर (दाता) की सहमति से सृजित (बनाया) किया गया है। मिश्रितप्रबल और बहुप्रबल भ्रूणिक स्टेम कोशिकाओं में, सम्पूर्णप्रबल कोशिकाओं की तुलना में अधिक सीमित विभेद क्षमता होती है। उदाहरण की तौर पर, बहुप्रबलीय रुधिर स्टेम कोशिकाएँ का विभेद रक्त के लाल कण, सफ़ेद कण और बिम्बाणुओं के रूप में किया जाता है, परन्तु यह स्वयं में कोई कोशिका प्रकार नहीं बनते हैं।
स्टेम कोशिकाएँ किस प्रकार औषधीय रूप में प्रयुक्त होती हैं?
वर्तमान में, अधिकतम औषधीय चिकित्सालय जो की स्टेम कोशिकाओं से उपचार का प्रस्ताव देते हैं, वह मसेंकाईमल (एमएससी) स्टेम कोशिकाओं द्वारा यह प्रबंध करते हैं,जो की वे वसा ऊतकों से या फिर अस्थि-मज्जा से स्त्रोतित करते हैं। एमएससी एक बहुप्रबलीय स्टेम कोशिका है, जिन्हें उन अनुप्रयोगों के लिए खोजा जा रहा है जैसे की हड्डी रोग की मरम्मत, दर्द प्रबंधन, गठिया रोग, अस्थमा और भी अन्य शामिल हैं। एमएससी में मानव शरीर की अन्य कोशिकाओं पर प्रभाव डालने की शक्तिशाली क्षमता है, एक घटना जिसे “ पैराक्राईन संकेतन” के नाम से जाना जाता है।
जब भी मनुष्यों को कोशिका उपचार दिया जाता है, तब जोखिम की सम्भावना बनी रहती है, यधपि वैज्ञानिक प्रमाणों का एक वृहद् निकाय बताता है की, एमएससी रोगियों के लिए सुरक्षित हो सकता है यदि यह उपचार प्रबंधित और निगरानी में हो। सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत तब मौजूद रहती है जब, स्टेम कोशिकाएँ बहुप्रबलीय होती हैं (जब विभेद की क्षमता सीमित होती है) । स्टेम कोशिकाओं के लिए स्व-व्युत्पन्न (“उसी जीव से सम्बंधित”- ऑटोलॉगस) होना भी सुरक्षित होता है, बजाए किसी और से लेने के (“अनुवांशिक रूप से भिन्न”)।
एक और स्टेम कोशिका जो की सामान्यतः औषिधिय रूप से प्रयुक्त की जाती है, वह हैं रुधिर संबंधी स्टेम कोशिकाएँ (एचएससी) । एचएससी प्रत्यारोपणों का प्रयोग दशकों से, रोगी के विकिरण या किमोथेरेपी के पश्चात, प्रतिरक्षा प्रणाली के पुनर्निर्माण के साधन के रूप में किया जाता रहा है।
स्टेम कोशिकाओं के कौनसे जोखिम हैं?
बहुत सारी कम्पनियां नैदानिक अभ्यास में, वैध स्टेम कोशिका उपचार चिकत्सा प्रारंभ करने हेतु कार्यरत हैं। दुर्भाग्यवश, यहाँ कई अविनियमित स्टेम कोशिका चिकित्सा समूह भी हैं जो की असत्यापित और असुरक्षित चिकित्सा भी रोगियों को उपलब्ध करवा रहे हैं।
सम्पूर्णप्रबल स्टेम कोशिकाओं का (भ्रूणिक स्टेम कोशिका और आईपीएस कोशिका) एक बड़ा जोखिम यह है की उनमें अनियंत्रित प्रसार उत्पादित करने की क्षमता होती है। इन सभी कोशिकाओं के चिकित्सीय अनुप्रयोग में सबसे बड़ा खतरा यह है की इनमें ट्यूमर बनाने की अत्यधिक प्रवृति होती है। मिश्रितप्रबल और बहुप्रबल स्टेम कोशिकाओं में ट्यूमर बनाने का खतरा कम होता है, परन्तु ये मानव शरीर के किसी भी निर्धारित स्थान पर गलत ऊतकों के प्रकार का विकास करने की क्षमता रखतें हैं। इसके अतिरिक्त, आईपीएस कोशिकाओं को कृत्रिम रूप से प्रयोगशाला प्रक्रिया से परिवर्तन किया जाता है, इसीलिए संभावना बनी रहती है की, यह कोशिकाएँ अनपेक्षित रूप से कार्य कर सकती हैं।
चूँकि इनमें से ज्यादातर जोखिम कम और निरिक्षित किए जा सकते हैं, इसीलिए स्टेम कोशिकाओं पर वर्तमान में, दुनिया भर में हजारों चिकित्सीय परिक्षण हो रहे हैं। इनमें से ज्यादातर चिकित्सीय परीक्षणों में मसेंकाईमल स्टेम कोशिकाएँ (एमएससी) और रुधिर्जनन संबंधी स्टेम कोशिकाओं (एचएससी) का प्रयोग किया जा रहा है। आप दुनिया के लगभग तीन-चौथाई स्टेम कोशिकाओं के परिक्षण ClinicalTrials.gov (क्लिनिकलट्रायल्स.जीओवी) पर देख सकते हैं। अतिरिक्त परीक्षण देश-दर-देश के आधार पर ढूंढे जा सकते हैं।
स्टेम कोशिकाओं के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं?
स्टेम कोशिकाओं के बारे में और अधिक जानने के लिए, हमारा ब्लॉग देखिए। स्टेम कोशिकाओं पर आपके अपने सवाल पूछने के लिए, हमें इस पते पर ईमेल करें [email protected] (इन्फो एट बायोइन्फोर्मेंट.कॉम) । आपकी स्टेम कोशिकाओं की जानकारी हमसे बांटने के लिए, नीचे कमेंट करें ।
Tell Us What You Think!