स्टेम (मूल) कोशिकाएँ सभी बहुकोशिकीय जीवों में पाई जातीं हैं, जो की गुणित (स्व-नवीकरण) और विभेद प्रजनन कर सकते हैं। मनुष्यों में मूल कोशिकाओं में यह क्षमता होती है कि वे एक वयस्क व्यक्ति में, प्रत्येक कोशिका बना सकते हैं, जैसे की उदाहरण की तौर पर, त्वचा कोशिकाएँ, मस्तिष्क कोशिकाएँ एवं रक्त कोशिकाएँ।
एक विकसित होते हुए भ्रूण में, स्टेम (मूल) कोशिकाएँ, सभी विशेष भ्रूणयुक्त ऊतकों में विभेद कर सकती हैं। वयस्क मनुष्यों में, स्टेम (मूल) कोशिकाएँ और प्रजनक कोशिकाएँ, शरीर के लिए एक मरम्मत प्रणाली के रूप में कार्य करती हैं, जो की विशेष कोशिकाओं की पुनःपूर्ति करती हैं।
स्टेम कोशिकाओं पर पिछले करीब 50 वर्षों से अनुसंधान चल रहा है, क्योंकि स्टेम कोशिकाओं में, स्वयं को बार-बार विभाजित करने और निरंतर अपने प्रतिरूप उत्पन्न करने की अद्भुत क्षमता होती है। इसके साथ ही, इनकी अनैच्छिक प्रवृति इन्हें विविध प्रकार की विस्तृत ऊतक प्रकार बनने की अनुमति देती है, जो की इन्हें पुनर्योजी दवाओं में उपयोग के लिए असाधारण क्षमता प्रदान करती है। [Read more…]