*Post also available in: English Español العربية 简体中文 Română
जैसे-जैसे आप स्टेम कोशिकाओं के बारे में जानने लगते हैं, तब एक बहुत आम सा प्रश्न मस्तिष्क में उठता है की आखिर “कितने प्रकार की स्टेम कोशिकाएँ मौजूद होती हैं?”
वर्तमान में, इनके प्रकार कई हैं, इसकी संख्या के अस्तित्व पर कोई सहमति नहीं है, क्योंकि इनका वर्गीकरण या तो इनकी विभेदीकरण क्षमता (जिस रूप में यह परिवर्तित हो सकते हैं) या फिर इनकी उत्पत्ति (जहाँ से इनका स्त्रोत ऊतक प्राप्त हुआ है), के आधार पर किया जाता है।
स्टेम कोशिकाओं को, जब उन स्त्रोत उतकों द्वारा वर्गीकृत किया जाता है जहाँ से वे प्राप्त हुए हैं, वह वर्णात्मक है। यह वर्गीकरण उद्देश्यों के लिए मूल्यवान नहीं है, क्योंकि इससे कई दर्जन स्टेम कोशिकाओं की श्रेणियां (यदि कई सौ नहीं तो) बन जाने की संभावना है।
बहुत सारी कोशिकाओं के प्रकार होते हैं, जिनमें की विभेदन की भिन्न-भिन्न क्षमताएँ होती है। इन कोशिकाओं को कई शोधकर्ता “स्टेम कोशिकाओं” के रूप में नामांकित करते हैं, तो दूसरे इन्हें “प्रसवपूर्ण कोशिका” या फिर सिर्फ उन कोशिकाओं के तौर पर जानते हैं जिनमें की विविध कार्यात्मक क्षमताएँ होती हैं।
इसीलिए, यह पोस्ट वर्गीकरण प्रणली पर आधारित उन पांच प्रकार की स्टेम कोशिकाओं को समर्पित है, जो की विभेदन क्षमता को मूल्यांकित और परिभाषित करती हैं।
5 प्रकार की स्टेम कोशिकाएँ विभेदन क्षमता पर आधारित
सभी स्टेम सेल्स जो की अस्तित्व रखते हैं उन्हें इन निम्नांकित पांच प्रकार के समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है, इनकी विभेदन क्षमता के आधार पर। यह समूह हैं:
इनमें से प्रत्येक स्टेम कोशिका के प्रकार को नीचे अधिक विस्तार से बतलाया गया है।
-
सम्पूर्णप्रबल (या सर्वप्रबल) स्टेम कोशिकाएँ
यह सभी अस्तित्व रखने वाली स्टेम कोशिकाओं में सर्वाधिक शक्तिशाली होते हैं। इनका विभेदन भ्रूण और अतिरिक्त्भ्रूण कोशिकाओं में किया जा सकता है, जैसे कि जरायु (गर्भ के बाहर की झिल्ली), अण्डे कि ज़र्दी कि थैली, भ्रूणावरण, और अपरापोषिका। मनुष्यों और अन्य गर्भनाल धारी जीवों में इन ऊतकों से गर्भनाल का निर्माण होता है।
सम्पूर्णप्रबल स्टेम कोशिकाओं का अत्यंत महत्वपूर्ण विशेषता यह होती है की उनमें सम्पूर्ण कार्यात्मक जीव को ही विकसित करने की क्षमता होती है।
सम्पूर्णप्रबल स्टेम कोशिकाओं का सबसे अच्छा ज्ञात उदाहरण है एक निषेचित अंडा (जब एक शुक्राणु और अंडा एक युग्म निर्मित करने के लिए एकजुट होते हैं)
निषेचन के समय या फिर इसके चार दिन पश्चात, यह कोशिकाएँ मिश्रितप्रबल कोशिकाओं में परिवर्तित होना शुरू करती हैं, जो की नीचे बतलाए अनुसार, एक लचीली कोशिका होती है परन्तु यह एक सम्पूर्ण जीव का निर्माण नहीं कर सकती।
-
मिश्रितप्रबल स्टेम कोशिकाएँ
नीचे बतलाए अनुसार यह दूसरी सबसे शक्तिशाली स्टेम कोशिका होती हैं। मिश्रितप्रबल स्टेम कोशिकाओं की महत्वपूर्ण बात यह होती है की यह स्व-नवीनीकरण और त्वचा की तीन रोगाणु परतों :- त्वचा की ब्राह्य परत (एक्टोडर्म), अन्तःस्तर परत (एण्डोडर्म), और अंदरूनी परत (मीसोडर्म) में विभेदन कर सकती हैं. बाद में यह तीनो रोगाणु परतें ही मनुष्यों में सभी प्रकार के ऊतकों और अंगों का निर्माण करती हैं।
मिश्रितप्रबल स्टेम कोशिकाओं के कुछ ज्ञात प्रकार हैं।
इनमे प्राकृतिक मिश्रितप्रबल स्टेम कोशिकाएँ और भ्रूण स्टेम कोशिकाएँ इनका बेहतरीन उदहारण हैं । यद्यपि, एक “मानव-निर्मित” मिश्रितप्रबल स्टेम कोशिका भी होती है, जो की एक प्रेरित स्टेम कोशिका (आईपीएस कोशिका) है।
आईपीएस कोशिका सबसे पहले 2006 में चूहों की कोशिकाओं में, और बाद में 2007 में मनुष्य कोशिकाओं में निर्मित की गईं थी और यह ऊतक विशिष्ट कोशिकाएँ हैं जिनका की, भ्रूण स्टेम कोशिकाओं के समान ही कार्यात्मकता के लिए पुनर्मुद्रण किया जा सकता है।
चूँकि उनमें अत्यंत शक्तिशाली क्षमता होती है जिससे की ऊतकों का विस्तृत विविधता के साथ विभेदन किया जा सकता है और उनकी प्रकृति भी गैर-विवादस्पद होती है। मिश्रितप्रबल कोशिकाएँ सेल्युलर थेरेपी और पुनार्योजी दवाओं में उपयोग के लिए अच्छी तरह से अनुकूल हैं।
-
बहुप्रबल स्टेम कोशिकाएँ
बहुप्रबल स्टेम कोशिकाएँ एक तरह की माध्यम-श्रेणी प्रकार की स्टेम कोशिकाएँ होती हैं, जो की स्व-नवीनीकरण कर सकती हैं और कोशिकाओं की एक विशिष्ट श्रेणी में भी विभेदन कर सकती हैं।
इस कोशिका प्रकार का एक उत्कृष्ट उदहारण है मेसेंकाईमल स्टेम कोशिकाएँ (एमएससी)।
मेसेंकाईमल स्टेम कोशिकाएँ अस्थिकोरक (एक प्रकार की अस्थि कोशिका), मायोसाइट (मांसपेशी कोशिका), एडिपोसाईट (वसा कोशिका) और कोंड्रोसाईट (उपास्थि कोशिका) में विभेदन कर सकती हैं।
इस कोशिका प्रकार की विशेषताओं में काफी विविधताएँ हैं, इसी कारणवश मेसेंकाईमल स्टेम कोशिकाओं को बहुप्रबल कोशिकाओं के तौर पर वर्गीकृत किया जाता हैं।
-
बहुसिमित स्टेम कोशिकाएँ
अगले प्रकार की स्टेम कोशिकाएँ, बहुसिमित स्टेम कोशिकाएँ इसकी पूर्व श्रेणी के समान ही हैं (बहुप्रबल स्टेम कोशिकाएँ), परन्तु यह विभेदन की क्षमताओं में और अधिक प्रतिबंधित हो जाती हैं।
जहाँ यह कोशिकाएँ न केवल स्व-नवीनीकरण और विभेदन भी कर सकती हैं, वहीँ यह केवल निकट सम्बंधित कोशिका प्रकारों में ही यह सब कर सकती हैं।
इस प्रकार का सर्वोत्तम उदहारण है रुधिरजनन स्टेम कोशिकाएँ (एचएससी)।
एचएससी कोशिकाओं को मीसोडर्म से प्राप्त किया जाता है जो की रुधिर कोशिकाओं में विभेदन कर सकती हैं। एचएससी बहुसिमित स्टेम कोशिकाएँ हैं, जो की दोनों ही माइलॉयड और लासिकावत् कोशिकाओं में विभेदन कर सकती हैं।
माइलॉयड कोशिकाओं में बेसोफिल, द्रुमाकृतिक कोशिकाएँ, इसीनोंफिल, एरिथ्रोसाईट, मैक्रोफेज, महामूल कोशिकाएँ (मेगाकर्योसाईट), मोनोसाईट, न्युट्रोफिल, और प्लेटलेट्स आते हैं; वही लासिकावत् कोशिकाओं में बी कोशिकाएँ, टी कोशिकाएँ और प्राकृतिक मारक कोशिकाएँ आती हैं।
-
संयुक्तप्रबल स्टेम कोशिकाएँ
अंततः, हमारे पास संयुक्त्प्रबल स्टेम कोशिकाएँ होती हैं, जो की न्यूनतम प्रबल और सबसे सीमित प्रकार की स्टेम कोशिकाएँ होती हैं।
संयुक्त्प्रबल स्टेम कोशिका का एक उदहारण मांसपेशी स्टेम कोशिका होगा।
जहाँ मांसपेशी स्टेम कोशिका स्व-नवीनीकरण और विभेदन कर सकती है, वहाँ यह केवल एक एकल कोशिका प्रकार में ही यह कर सकती है । यह इनकी विभेदन क्षमता में भी दिशाहीन (या केवल एकल दिशावान) होती हैं।
स्टेम कोशिका प्रकारों को वर्गीकृत करने का उद्देश्य
स्टेम कोशिकाओं को वर्गीकृत करने का उद्देश्य स्टेम कोशिकाओं की विभेदन क्षमता के आधार पर उनकी कार्यात्मक क्षमता का आंकलन करना है।
महत्वपूर्ण बात यह है की, प्रत्येक श्रेणी में विभिन्न शोध अनुप्रयोग, चिकित्सा अनुप्रयोग और दवा (ड्रग) विकास अनुप्रयोग हैं।
आप स्टेम कोशिकाओं के बीच के कार्यात्मक अंतर को बेहतर ढंग से समझने के लिए, और प्रत्येक कोशिका प्रकार की चिकित्सीय क्षमता का अधिकाधिक बुद्धिमानी से आंकलन करने के लिए इस मार्गदर्शिका का प्रयोग करिए।
Tell Us What You Think!